नपुंसकता
युवा अवस्था में स्त्री सम्भोग या संतान पैदा करने की अयोग्यता को नपुंसकता कहते हैं। इस दशा में संभोग की कामना होते हुए भी पुरूष की इन्द्री में उत्तेजना नहीं होती इन्द्री बेजान मांग के लोथड़े की तरह गिरी रहती है। उसका आकार भी कम ज्यादा, पतला या टेढ़ा हो सकता है। नसें उभरी प्रतीत होती हैं। कामेच्छा होते हुए भी इन्द्री में तनाव नहीं आता यदि पुरूष के अपने भरसक प्रयत्न से थोड़ी बहुत उत्तेजना इन्द्री में आती भी है तो सम्भोग के समय शीघ्र ही स्खलित हो जाता है। ऐसे पुरूष को न तो स्त्री ही प्यार करती है और न ही संतान पैदा होती है। हमारे सफल नुस्खों वाले इलाज से नपुंसकता के सभी विकार ठीक हो जाते हैं तथा रोगी को फिर से पुरुषत्व व सम्भोग क्षमता प्राप्त होकर एक नई शक्ति, स्फूर्ति, उत्साह व स्वास्थ्य प्राप्त हो जाता है।